गतांक से आगे...
व्यष्टि, समष्टि और परमेष्टि
अब इतने शुद्ध और श्रेष्ठ विचारों, सूत्रों, श्लोकों की श्रंखला कहाँ से आयी? इसका आधार क्या है? चित्त वृत्ति का विकास क्रम, सबसे ऊंची परत चेतना की परत पर। भारत के ऋषि, मुनियों ने, दार्शनिकों नें अपने चिंतन मनन के द्वारा ज्ञान दृष्टि से चित्त द्वारा चित्त के पार अपने सत्य स्वरुप चैतन्य को जाना और उस स्वरुप में स्थित हुए।