रविवार, 20 फ़रवरी 2022

सनातन अध्यात्म ज्ञान आपके द्वार:

 सनातन अध्यात्म ज्ञान आपके द्वार:


# मैं आत्मन हूँ, साक्षी हूँ।                                                                                                                                  # ये शरीर, वस्तुएं, जगत सब माया है।                                                                                                              # माया उस आत्मन पर एकाकार हो प्रतीत हो रही है। 

जी हाँ। ये गूढ़ वाक्य, उनका उत्तर और साक्षात्कार, ये सनातन अध्यात्म ज्ञान की धारा, जिसमें वेद और उपनिषदों के सार का ज्ञान शामिल है, वेदांत, अद्वैत, ये सब अब आपके द्वार पर, घर के अंदर, आपके मोबाइल, लैपटॉप या कंप्युटर पर उपलब्ध है।

केवल ऑडियो व्याख्यान नहीं, गुरुदेव स्वयं उपलब्ध हैं। प्रत्यक्ष सत्संग में, जिसमें आप प्रश्न पूछ सकते हैं, आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति में किसी समस्या का समाधान कर व्यक्तिगत रूप से गुरुदेव से बात कर सकते हैं।

कहीं आना नहीं, कहीं जाना नहीं, कोई बंधन नहीं, कोई अनुष्ठान नहीं, कोई पूजा नहीं, कोई पाखंड नहीं, कोई जप नहीं, कोई तप नहीं, कोई आसन नहीं। इन सबसे परे, मुक्त होकर, अपनी प्रज्ञा, विवेक बुद्धि जागृत कर इस ज्ञान मार्ग पर आगे बढ़े 

ये सब उपलब्ध, आपके घर के अंदर, बिना किसी कीमत के, ये अमूल्य ज्ञान, ये अमूल्य- गुरु शिष्य परंपरा, ये सत्संग (सप्ताह में दो बार), फिर भी कुछ शंका समाधान बच जाय तो ईमेल से, या टेलिग्राम ऐप पर सीधा संपर्क।

बस आपको तैयार होना है। इस अद्भुत आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति की बहुत गहरी, तीव्र इच्छा जागृत करनी है, अपने हृदय में। एक तड़प होनी चाहिए, एक सनक होनी चाहिए, इसकी प्राप्ति के लिए।

आपकी मन, बुद्धि और चित्त में यही तड़प होनी चाहिए कि इस अनोखे आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करना है। जब तक आत्मज्ञान नहीं होगा, प्रयास निरंतर जारी रहेगा।

आपके पास साधन के रूप में, केवल मोबाइल या लैपटॉप और इन्टरनेट सुविधा होनी चाहिए।

बस प्रयास के रूप में केवल संपर्क करना होगा। वार्तालाप करना है। श्रवण मनन करना है। फिर साक्षात्कार होने में एक क्षण नहीं लगता।

शिव पार्वती से कहते हैं..       क्षण महां सबही मिले भगवाना। उमा मर्म ये काहु न जाना॥..


इस ज्ञान के लिए गुरूदेव श्री तरुण प्रधान जी ने एक अद्भुत और अनोखा प्रबंध किया है वो इस प्रकार है:

१. त्रि - सत्रीय ज्ञान मार्ग कार्यक्रम के अन्तर्गत १-१ घंटे के तीन सत्र। जिसमें क्रमशः आत्म ज्ञान, माया ज्ञान और ब्रम्ह ज्ञान की चर्चा। टेलीग्राम ऐप पर। आडियो काल में। 

इसमें संपूर्ण ज्ञान सार का साक्षात्कार हो जाएगा। ये एक प्रकार से गागर में सागर है। 

२. जो साधक इस ज्ञान के विस्तार में उतरना चाहते हैं उनके लिए 

ज्ञान मार्ग दीक्षा कार्यक्रम है। जिसमें क्रमानुसार १८ वीडियो पर श्रवण, मनन, लेखन और परीक्षा की साधना है। इसमें कोई समय सीमा नहीं है। लेकिन लगभग ६ माह का समय लगता है।

संपर्क:

१. जो साधक त्रिदिवसीय ज्ञानमार्ग ज्ञानदीक्षा कार्यक्रम करना चाहते हैं वो कृपया निम्नलिखित व्यक्तियों से संपर्क करें और इसका लाभ लें। https://oormi.in/pokp/3d.php?lang=hi

2. जो साधक ज्ञान मार्ग ज्ञान दीक्षा कार्यक्रम (विस्तृत लगभग 6 माह) में भाग लेना चाहते हैं वो निम्न साइट पर संपर्क करके लागिन करें।

https://oormi.in/pokp/index.php?action=welcome

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